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ऐतिहासिक तथ्य - प्राचीन भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य भाग - 2



प्राचीन इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य भाग - 2



वैदिक काल को दो भागों में विभाजित किया गया है –
(1) ऋग्वैदिक काल अथवा पूर्ववैदिक काल (Early Vedic Period)
(2) उत्तर वैदिक काल (Later Vedic Period)

वैदिक भूगोल के अंतर्गत वर्तमान समय का आफ्गानिस्तान, पाकिस्तान, पंजाब, हरियाणा, उत्तरपूर्व राजस्थान, पश्चिमोत्तर, उत्तेर प्रदेश आदि समिलित थे |

आर्य जन-अनु, द्रुहा, यदु, पुरु, तुर्वसु, आदि पांच वर्गों में विभक्त थे , इन्हें “पंचजन” कहा जाता है |

ऋग्वैदिक काल में सेना और जाति  का नेतृत्व करने के लिए राज-संस्था का उदय हुआ |

ऋग्वैदिक सामाज का आधार परिवार था. सामाज वर्ग विभेद से रहित था. सामाज में स्त्रियों की स्थिति उच्च थी |

आर्य शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन करते थे |

आर्यों की संस्कृति मूलतः ग्रामीण थी. उनके जीवन का मूल अआधर कृषि और पशुपालन था. ऋग्वैदिक सामाज में व्यवसाय आनुवंसिक (Hereditary) नही थे |

ऋग्वैदिक काल का सम्पूर्ण विवरण ऋग्वेद से ही ज्ञात होता है. ऋग्वेद एक संहिता है जिसमे 10 मंडल है, 1028 मंत्र है |

ऋग्वेदिक् काल में उपासना भौतिक कल्याण के लिए की जाती थी. उपासना का लक्ष्य पारमार्थिक सुख नही था |

उत्तर वैदिक काल का साहित्यिक स्त्रोत – संहिता ग्रन्थ जैसे सामवेद, अथर्ववेद, ब्राम्हण, अरण्यक तथा उपनिषद आदि है |

उत्तर वैदिक क्षेत्रों की खुदाई से चित्रित तथा भूरे रंग के मृद्भांड ‘चित्रित धूसर मृद्भांड’ प्राप्त हुए है |

उत्तर वैदिक काल में राजत्व व राजा का पद अधिक सुदृढ़ हुआ. शासन संचालन के लिए अधिकारीयों को नियुक्त किया गया. शासन सभा, समिति नामक संस्थाओं की सहायता से चलाया जाने लगा |

समाज में वर्ण व्यवस्था कठोर हो गयी और जाति की उत्पति हो गयी |

उत्तर वैदिक काल में भी कृषि और पशुपालन आर्थिक जीवन के मुख्य आधार थे. उत्तर वैदिक काल में लोहे के अविष्कार ने सामाजिक – आर्थिक क्रांति ला दी |

बौध धर्म की स्थापना महात्मा बुद्ध ने की थी जिनका जन्म लुम्बिनी में 563 ई.पू. में हुआ इनके पिता सिध्दोधन तथा माता महामाया थी. इनके बचपन का नाम सिध्दार्थ था |


इनका पालन पोषण इनकी मौसी गौतमी ने किया तथा इनका विवाह यशोधरा से हुआ जिसने राहुल नामक पुत्र को जन्म दिया |

बौध्द धर्म में चार बौध्द संगीतियाँ आयोगित की गई थी. क्रमशः सप्त्पर्निगुफा (राजगृह), वैशाली, पाटलिपुत्र, कुण्डलवन आदि |

जैन धर्म की स्थापना पहले तीर्थकर ऋषभदेव ने की थी. 23वें तीर्थकर पार्श्वनाथ ने जैन धर्म को व्यवस्थित किया किन्तु 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी ने जैन धर्म को लोकप्रिय बनाया |

महावीर स्वामी का जन्म 540 ई.पू. में कुंडग्राम में हुआ था इनके पिता सिध्दार्थ (ज्ञातुक क्षत्रिय) तथा माता त्रिशाला थी | इनके बचपन का नाम वर्धमान था. यशोदा नामक कन्या से इनका विवाह हुआ. इनकी पुत्री का नाम अणोज्जा प्रियदर्शनी था |

पंच महाव्रत, त्रिरत्न, स्यादवाद आदि जैन धर्म के तत्व है |

ई.पू. छठी शताब्दी में भारत में शक्तिशाली राज्यों का (महाजनपद) विकास हुआ. बौध ग्रन्थ “अंगुत्तर-निकाय” में इस समय के 16 महाजनपदों की सूची मिलती है |

मगध एक शक्तिशाली जनपद था. बिम्बसार तथा अजातशत्रु इसके दो शक्तिशाली राजा थे |

वज्जि एक राज्य था, जिसकी राजधानी वैशाली थी यहाँ गण या संघ शासन व्यवस्था थी |


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2 comments:

  1. आपसे बात करनी है कृपया कमेंट सेक्शन में आई ए

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