मॉडेम (Modem)
मॉडूलेशन और डीमॉडूलेशन को मिलाकर व संक्षिप्त करके मॉडेम शब्द का निर्माण हुआ हो जो कंप्यूटर को टेलीफोन लाइन के द्वारा किसी अन्य कंप्यूटर को सूचना भेजने व लेने में मदद करता है.
यह एक ऐसी डिवाइस ( युक्ति ) है जिसका उपयोग सेंडिंग छोर पर डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल में (एनालॉग) चैनल जैसे – टेलीफोन लाइन पर भेजने के लिए) व रिसीविंग छोर पर पुनः डिजिटल में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है. यह दो पर्सनल कंप्यूटर को आपस में जोड़ने के लिए उपयोग की जाती है ताकि PCs टेलीफोन लाइन की सहायता से एक दूसरे से कम्यूनिकेट कर सके.
मॉडूलेशन कंप्यूटर से प्राप्त डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल जिन्हें टेलेफोन सिस्टम प्राप्त करता है, में बदलने की क्रिया है. कनेक्शन के दूसरे छोर पर एक दूसरा मॉडेम इन सिग्नल को समझकर उन्हें पुनः डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करता है जिन्हें रिसीविंग कंप्यूटर समझ सके. एक मॉडेम कंप्यूटर में इंटरनली इनस्टॉल किया जा सकता है. इस परिस्थिति में यह इंटरनल मॉडेम कहलाता है. इसी प्रकार यह एक एक्सटर्नल डिवाइस भी हो सकता है जो की एक सीरियल केवल की मदद से कंप्यूटर के साथ जुड़ा होता है. नीचे दर्शाया गया चित्र दो कंप्यूटर के बीच मॉडेम की सहयता से कम्युनिकेशन या कनेक्शन बता रहा है. मॉडेम की स्पीड बॉड रेट या bps में मापी जाती है. डायलअप कनेक्टिविटी में मॉडेम की अधिकतम स्पीड 56 kbps हो सकती है.
मॉडेम की ऑपरेटिंग गति 9600 बड तक होती है ( जबकि टेलेफोन लाइन स्टैण्डर्ड हो ) तथा इसका उपयोग करने के लिए हमारे कंप्यूटर में इससे सम्बंधित उपयुक्त कम्युनिकेशन प्रोग्राम होना आवश्यक है.
केश मेमोरी ( Cache Memory )
केश मेमोरी (Cache Memory), वह मेमोरी है जो की मेमोरी प्रोसेसर स्पीड ‘मिस मैच’ ( Mis Match ) को कम करने के लिए काम में आती है. केश मेमोरी CPU और मेन मेमोरी( Main Memory) के बीच की एक बहुत तेज़ और सूक्ष्म मेमोरी होती है जिसका एक्सेस टाइम CPU की प्रोसेसिंग स्पीड के पास में होता है. यह मेमोरी CPU और मेन मेमोरी के बीच में एक हाई स्पीड बफर (High Speed Buffer) की तरह काम करती है और यह प्रोसेसिंग समय के बहुत एक्टिव डाटा और निर्देशों को कुछ समय तक स्टोर करने के काम आती है क्योंकि केश मेमोरी , मेन मेमोरी (Main Memory) से ज्यादा तेज़ है. इसलिए डाटा और निर्देशों को केश में डालकर प्रोसेसिंग स्पीड को बढाया जा सकता है.
जैसा की हम जानते है की मेन मेमोरी काफी हद तक डिस्क प्रोसेसर स्पीड ‘मिसमेच’ (Mis Match) को कम करती है क्योंकि CPU के द्वारा डाटा लेने की रफ्तार हाई स्पीड सेकेंडरी स्टोरेज से 100 गुना ज्यादा होती है फिर भी मेन मेमोरी के साथ प्रोसेसर मेमोरी और मेमोरी के बीच में एक से दस गुना स्पीड ‘मिसमेच’ (Mis Match) हो जाती है जितनी स्पीड में CPU निर्देश को प्रोसेस कर सकता है इसका आशय है कि CPU की प्रोसेसिंग स्पीड उसके डाटा लेने की स्पीड से दस गुना ज्यादा है.
इसलिए कई स्तिथियों में मेमोरी की धीमी गति के कारण प्रोसेस की कार्यक्षमता कम हो जाती है. स्पष्ट रूप से , प्रोसेसर की कार्य क्षमता को मेमोरी प्रोसेसर ‘मिसमेच’ (Mis Match) को कम करके बढाया जा सकता है जो की केश मेमोरी को काम लेकर किय जा सकता है.
इसलिए कई स्तिथियों में मेमोरी की धीमी गति के कारण प्रोसेस की कार्यक्षमता कम हो जाती है. स्पष्ट रूप से , प्रोसेसर की कार्य क्षमता को मेमोरी प्रोसेसर ‘मिसमेच’ (Mis Match) को कम करके बढाया जा सकता है जो की केश मेमोरी को काम लेकर किय जा सकता है.
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