Study Juction

Free Notes & Articles In Hindi

भारतीय संविधान की निर्माण प्रक्रिया एवं संविधान सभा का गठन - भारतीय राजनीति

भारतीय संविधान का निर्माण



संविधान किसी भी राज्य के जीवन दर्शन का प्रमुख आधार है भारत में संविधान सभा की मांग के सिध्दांत के सर्वप्रथम दर्शन 1895 के तिलक के निर्देशन में तैयार किये गये “स्वराज विधेयक” में होते है |
उसके बाद 1922 में महात्मा गाँधी, 1924 में प. मोतीलाल नेहरु तथा 1928 में जवाहरलाल नेहरु तथा सुभाषचन्द्र बोस ने भी स्पष्ट कहा कि “भारतीय संविधान के निर्माण हेतु भारतीय संविधान सभा का गठन किया जाना चाहिए|” द्वितीय विश्वयुध्द के समय 1942 की क्रिप्स योजना के द्वारा ब्रिटिश सरकार ने स्पष्टतया स्वीकार किया कि भारत में एक निर्वाचित संविधान सभा का गठन होगा, जो कि युध्द के बाद भारत के लिए संविधान का निर्माण करेगी | अंत में 1946 की कैबिनेट मिशन योजना में भारतीय संविधान सभा के प्रस्ताव को स्वीकार कर इसे व्यावहारिक रूप प्रदान किया गया |

संविधान सभा का गठन


1946 में गठित केबिनेट मिशन की प्रस्तावित संविधान सभा के गठन की योजना का क्रियान्वयन किया गया | भारत में जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में अंतरिम सरकार का गठन किया गया, संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गयी, जिसमे 292 ब्रिटिश प्रान्तों के प्रतिनिधि 4 कमिश्नर क्षेत्रों के तथा 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे |

जुलाई 1946 में संविधान सभा का चुनाव हुआ, जिसमे कांग्रेस को 208 तथा मुस्लिम लीग को 73 स्थान प्राप्त हुए | संविधान सभा के चुनावों में मुस्लिम लीग की स्थिति कमजोर होने से उसने संविधान सभा का बहिष्कार किया तथा पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा के गठन की मांग की | 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक हुई, जिसमे मुस्लिम लीग ने भाग लिया. 3 जून 1947 की माउन्टबेटन विभाजन योजना के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन किया गया | पुनर्गठन के पश्चात् सदस्यों की संख्या 324 नियत की गयी. विभिन्न प्रान्तों एवं देशी रियासतों के प्रतिनिधियों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया गया 31 दिसम्बर 1947 को संविधान सभा के सदस्यों की संख्या 299 थी |



संविधान सभा की बैठक व संविधान निर्माण प्रक्रिया – संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को प्रारम्भ हुई, जिसका कि मुस्लिम लीग ने बहिष्कार किया | 9 दिसम्बर 1946 को ही संविधान सभा ने सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया दो दिन बाद 11 दिसम्बर 1946 को सदस्यों द्वारा डा. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया गया |

संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर 1946 को जवाहरलाल नेहरु द्वारा पेश किये गये उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई | उद्देश्य प्रस्तावों के कथनों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया और उसे 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया. उद्देश्य प्रस्ताव को पारित किये जाने के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण की कार्यवाही को प्रारम्भ किया इसके लिए संविधान सभा के द्वारा कई समितियों का गठन किया गया |



Share:

No comments:

Post a Comment

Recent Posts

Google Ads


Definition List

Popular Posts

Search

Labels

Blog Archive

Followers