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भारत पर अरबों का आक्रमण या तुर्कों का आक्रमण - महमूद गजनवी तथा मोहम्मद गोरी


भारत पर अरबों का आक्रमण


भारत पर प्रथम मुस्लिम आक्रमणकारी अरब थे 712 ई. में अरब के मोहम्मद बिन कासिम ने भारत पर आक्रमण करते हुए सिंध के राजा दाहिर को पराजित किया. मुहम्मद बिन कासिम का आक्रमण मुसलमानों द्वारा भारत पर राजनितिक प्रभुत्व स्थापित करने की प्रक्रिया का प्रारंभ था, जिसे आगे चलकर तुर्कों ने पूरा किया.

भारत पर तुर्क आक्रमण – सर्वप्रथम भारत में इस्लामी राज्य स्थापित करने का श्रेय तुर्कों को जाता है वे गजनी के राजवंश के थे. 932 ई. में अलप्तगीन द्वारा गजनी में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की गयी इसके उत्तराधिकारी द्वारा भारत के प्रति अपनाई गयी आक्रमण की नीति से लेकर इसके उतराधिकारी सुबुक्तगीन द्वारा 986 ई. में पंजाब के राजा जयपाल पर किये गये आक्रमणकारी अभियान तक तुर्कों को भारत विजय में विशेष सफलता नही मिली थी. भारत में राज्य स्थापित करने वाला प्रथम मुगल शासक महमूद गजनवी था जो सुबुक्तगीन का उत्तराधिकारी था |

महमूद गजनवी – वह 998 ई. में गजनी की गद्दी पर बैठा. बगदाद के खलीफा अलकादिर बिल्लाह ने उसे “आमीन-उद-दौला” तथा “आमीन-उन्-मिल्लाह” की उपाधि प्रदान की. उसने सन 1000 से 1027 के बीच सत्रह बार भारत पर आक्रमण किये.

महमूद गजनवी का भारत पर प्रथम आक्रमण 1000 ई. में हुआ. उसने कुछ सीमांत किलों पर अधिकार कर लिया. 1001 में इसने पंजाब के राजा जयपाल को पराजित कर बंदी बना लिया . 1004 में महमूद ने रजा विजय पाल रे से भटिंडा जीत लिया. 1006 ई. में इसने मुस्लिम सुल्तान फ़तेह दाऊद को परास्त कर इसे भी अपने आधीन कर लिया. 1009 ई. में आनंदपाल से नगरकोट जीता. 1014 में महमूद का आक्रमण थानेश्वर पर हुआ, 1018 में मथुरा, 1019 में कन्नौज, बुंदेलखंड के चंदेल राजा गंड तथा विद्याधर तथा कालिंजर के शासक भी महमूद के हाथों पराजित हो गये.
पंजाब क बाहर महमूद गजनवी आ अंतिम आक्रमण 1026 में सोमनाथ (काठियावाड़) में हुआ जहाँ से उसने अपार धन लूटा,  भारत पर उसका अंतिम आक्रमण 1027 में जाटों पर हुआ इसके बाद 1030 ई. में महमूद गजनवी की मृत्यु हो गयी.

अलबरुनीं, फिरदोसी, फर्रुखी, उतबी इसके दरबार के रत्न थे महमूद को गाजी, मूर्तिभंजक और बुतशिकन पुकारा गया.

मुहम्मद गोरी – महमूद गजनवी के बाद मुहम्मद गोरी ने भारत पर आक्रमण किया उसका उद्देश्य भारत में भी अपना साम्राज्य विस्तार करना था. मुहम्मद गोरी का प्रथम आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान पर हुआ 1178 ई. में इसका दूसरा आक्रमण बघेल राजा भीम द्वितीय पर हुआ भीम द्वितीय ने गोरी को बुरी तरह परास्त किया. यह भारत के हिन्दू राजाओं के हाथों गोरी की प्रथम पराजय थी. उसके बाद गोरी ने पंजाब पर आक्रमण किया तथा वहां के अंतिम शासक को बंदी बना लिया. 1191 ई. में तराइन के मैदान में हुए प्रथम युध्द में पृथ्वीराज चौहान ने गोरी को परास्त किया. 1192 ई. में मुहम्मद गोरी ने पुनः आक्रमण किया तराइन में यह मुकाबला हुआ इस युध्द में गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को परास्त कर दिया तथा उसे बंदी बना लिया. 15 मार्च 1206 ई. में गोरी की गजनी जाते समय मार्ग में सिन्धु नदी के तट पर दंभक नामक स्थान पर नमाज अदा करते समय खोखर विद्रोहियों द्वारा हत्या कर दी गयी.

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