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हिंदी में रचना के आधार पर वाक्यों का वर्गीकरण -हिंदी व्याकरण

हिंदी में वाक्य के प्रकार 

(1) मनुष्य के दुःख का कारन भी मनुष्य ही है |
(2) साध्य विषय वह है, जो प्रयत्न द्वारा दूर किया जा सकता है |
(3) क्रोध दुःख के काराण पर प्रभाव डालने के लिए आकुल करता है और भय उसकी पहुँच के बाहर होने के लिए |

उपरोक्त वाक्यों को ध्यान से पढ़िये -
रचना के आधार पर वाकय तीन प्रकार के होते है -
1. सरल वाक्य या साधारण वाक्य
2. मिश्र वाक्य
3. संयुक्त वाक्य

सरल वाक्य :- जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है उसे सरल या साधारण वाक्या कहते है |
जेसे :-   मनुष्य के दुःख का कारन भी मनुष्य ही है |

मिश्र वाक्य :- जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है उसे सरल या साधारण वाक्या कहते है |

जेसे :-   मनुष्य जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों तो उसे मिश्र वाक्य कहते है |
जेसे :- साध्य विषय वह है, जो प्रयत्न द्वारा दूर किया जा सकता है |

मिश्र वाक्य में आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते है =

१ . संज्ञा उपवाक्य = जिस आश्रित उपवाक्य का प्रयोग प्रधान उपवाक्य की क्रिया के कर्म या पूरक के रूप में प्रयुक्त होता है उसे संज्ञा उपवाक्य कहते है |

जैसे = सब जानते है की प्रेमचंद गांधीवाद से प्रभावित है |

२. विशेषण उपवाक्य = जो आश्रित उपवाक्य के अपने प्रधान वाक्य की किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है उसे विशेषण उपवाक्य कहते है |

जैसे = यह वह स्थान है जहाँ मेरा बचपन बीता |

३. क्रिया विशेषण उपवाक्य = जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया का विश्सें बनकर आता है वह क्रिया विशेषण उपवाक्य कहलाता है |

जैसे = मैं वहां पहुँचा जहाँ पीपल का पेढ़ खड़ा है |

३. संयुक्त वाक्य :- वह वाक्य समूह जिसमे दो या दो से अधिक सरल या मिश्रित वाक्य संयोजक अवयवो ( और, किन्तु, परन्तु अथवा आदि ) द्वारा जोड़े जाते है वो संयुक्त वाक्य कहलाते है |

जैसे - भारत के नृतक रूस पहुंचे और वंहा उन्होंने रूस वासियों का दिल जीत लिया |


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