बैंकिंग जागरूकता
बैंकिंग का इतिहास
(History Of Banking)
भारत में पहला बैंक जो रूढ़िवादी रहा 1786 में स्थापित किया गया. 1786 से आज तक भारतीय बैंकिग प्रणाली की यात्रा तीन अलग-अलग चरणों में बांटी जा सकती है. उनकी चर्चा इस प्रकार की जा सकती है –
चरण 1 – 1786 से लेकर 1969 तक प्रारंभिक चरण
चरण 2 – भारतीय बैंकिग क्षेत्र सुधारों से पहले 1969 में भारतीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण शुरू हुआ और 1991 तक चला
चरण 3 – 1991 के बाद भारतीय बैंकिग प्रणाली का भारतीय वित्त और बैंकिंग क्षेत्र सुधार के आगमन के साथ भारतीय बैंकिंग प्रणाली का नया चरण
चरण 1 - भारत में बैंकिंग 18वीं शताब्दी के आखिरी दशक से पुरानी है. बैंक आफ हिन्दुस्तान पहला बैंक था जो 1770 में स्थापित हुआ लेकिन 1829-32 में इसे बंद कर दिया गया. जनरल बैंक ऑफ़ इण्डिया 1786 में स्थापित किया गया लेकिन 1791 में यह असफल हो गया.
ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने बैंक ऑफ़ बंगाल (1809), बैंक ऑफ़ बाम्बे (1840) और बैंक ऑफ़ मद्रास (1843) में स्वतंत्र इकाईयों की तरह स्थापित किए और ये तीनो प्रेसिडेंसी बैंक कहलाये. 1920 में इन तीनो बैंको को एकीकृत कर दिया गया और इम्पेरियल बैंक ऑफ़ इण्डिया स्थापित किया गया जो की एक निजी शेयर होल्डर (हिस्सेदारी) के रूप में आधिकतर यूरोपीय हिस्सेदारों के साथ किया गया.
1865 में अलाहाबाद (इलाहाबाद) बैंक स्थापित किया गया और पहली बार केवल भारतीयों द्वारा पंजाब नेशनल बैंक 1894 में स्थापित किया गया जिसका मुख्यालय लाहौर में बना. 1906 से लेकर 1913 के बीच बैंक ऑफ़ इण्डिया, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया, बैंक ऑफ़ बड़ोदा, केनरा बैंक इन्डियन बैंक और बैंक ऑफ़ मैसूर स्थापित किये गये. भारतीय रिजर्व बैंक 1935 में आया. प्रथम चरण के दौरान विकास बहुत धीमी थी और 1913 से 1948 के बीच इन बैंको ने सामजिक असफलता भी झेली. लगभग 1100 बैंक थे जिनमे से अधिकतर छोटे ही थे. व्यावसायिक बैंको की कार्यप्रणाली और गतिविधियों को सरल एवं कारगार बनाने के लिए भारत सरकार 1949 में बैंकिंग कंपनी एक्ट लेकर आई जो संशोधन अधिनियम 1965 के अनुसार बाद में बैंकिंग सुधार (विनियम) अधिनियम में बाद गया.
भारतीय रिजर्व बैंक को केन्द्रीय बैंकिंग के रूप में भारत में बैंकिंग के पर्यवेक्षण के लिए विस्तृत अधिकार दिए गये . उन दिनों लोगो में बैंको को लेकर बहुत कम विशवास हुआ करता था. एक परिणाम के बाद जमा संग्रहण धीमा था. इसके साथ ही डाक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली बचत खता सुविधा अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित थी इसके अतिरिक्त फण्ड अधिकतर स्थापित व्यापारियों को ही दिए जाते थे.
चरण 2 – स्वंतत्रता के बाद सरकार ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली में सुधार के लिए प्रमुख कदम उठाये. 1955 में सरकार ने बड़े स्तर पर विशेष रूप से ग्रामीण और उप-शहरी क्षेत्रो में बैंकिंग सुविधाओ के साथ एम्पैरियल बैंक ऑफ़ इण्डिया को राष्ट्रीयकृत कर दिया गया इम्पेरियल बैंक ऑफ़ इण्डिया 1955 में भारतीय स्टेट बैंक बन गया. 1960 में स्टेट बैंक को स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया (सहायक बैंक) अधिनियम 1956 के तहत आठ सम्बंधित राज्य बैंको का नियंत्रण दे दिया गया. अब यह बैंक स्टेट बैंक से संबंधित बैंक कहलाते है. स्टेट बैंक आर.बी.आई. के मुख्य प्रतिनिधि के रूप में काम करता है. 19 जुलाई 1969 को राष्ट्रीयकरण का एक प्रमुख प्रक्रम चलाया गया. यह भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी का प्रयास था. देश में 14 प्रमुख व्यावसायिक बैंको का राष्ट्रीयकरण हो गया था. भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के दुसरे चरण में सात अधिक बैंक 1980 में जुड़े. इस कदम से भारत में 80% बैंकिंग हिस्सा सरकार के स्वामित्व में आ गया था.
संक्षेप में निम्नलिखित वे कदम है जो भारत सरकार ने भारत में बैंकिंग संस्थाओं को विनियमित करने के लिए उठाए –
(1) 1949 – बैंकिंग विनियमन अधिनियम का लागू होना
(2) 1955 – भारतीय स्टेट बैंक का राष्ट्रीयकरण
(3) 1960 – एस.बी.आई. सहायक बैंको का राष्ट्रीयकरण
(4) 1961 – जमा राशि पर इंश्योरंस (बीमा) कवर बढ़ाया गया
(5) 1969 – 14 प्रमुख बैंको का राष्ट्रीयकरण
(6) 1975 – क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको की स्थापना
(7) 1980 – 200 करोड़ रूपये से अधिक जमाराशि वाले सात बैंको का राष्ट्रीयकरण
बैको के राष्ट्रीयकरण के बाद, भारत में सार्वजानिक बैंको की शाखाएँ लगभग जमाराशि में 800% तक बढ़ी और एडवांस (अग्रिम राशि) ने 11,000% तक ऊँची छलांग लगाई.
चरण 3 – इस चरण में बैंकिंग क्षेत्र ने जबरदस्त प्रगति देखी. 1991 में एम्.नरसिम्हा की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गी जिसने बैंकिंग प्रथाओं (कार्यों) के उदारीकरण के लिए काम किया.
आजकल देख में विदेशी बैंको और उनके ए.टी.एम.केन्द्रों की भरमार हो गयी है. ग्राहकों को संतोषजनक सेवा देने के लिए हर तरह के प्रयास किये जा रहे है फोन – बैंकिंग भी शुरू किये गये है. सम्पूर्ण प्रणाली अधिक सुविधाजनक, तीव्र और ग्राहक हितैषी बन चुकी है.
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