सिन्धु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता
सिन्धु सभ्यता एक अति प्राचीन नगरीय सभ्यता है, जिसकी खोज का श्रेय दयाराम साहनी को जाता है जिन्होंने पुरातत्व सर्वेक्षण, विभाग के महानिदेशक सर जान मार्शल के निर्देशन में 1921 में हड़प्पा नामक स्थान की खुदाई की यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी तक सीमित थी, इसलिए इसे सिन्धु घाटी की सभ्यता कहा गया | साथ ही इस सभ्यता के पथम अवशेष हड़प्पा नामक स्थान से प्राप्त हुए थे इसलिए इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहते है |
काल निर्धारण – सिन्धु घाटी सभ्यता के काल निर्धारण में विद्वानों के अपने – अपने मत है |
3250 – 2750 ई.पू. - जान मार्शल
2800 – 2500 ई.पू. - अर्नेस्ट मैके
3500 – 2700 ई.पू. - माधोस्वरूप वत्स
2350 – 1700 ई.पू. - सी. जे. गैड
2500 – 1500 ई.पू. - मारटीमर हीलर
2000 – 1500 ई.पू. - फेयर सर्विस
2500 – 1750 ई.पू. - C-14 मेथोड (सर्वाधिक मान्य)
प्रमुख विशेषताएं –
सिन्धु सभ्यता, सिन्धु घाटी की सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के नाम से जनि जाती है |
सिन्धु सभ्यता कांस्ययुगीन सभ्यता थी |
हड़प्पा को वैदिक साहित्य में “हरियुपिया” कहा गया है |
सिन्धु सभ्यता का नामकरण जान मार्शल ने किया था |
सिन्धु सभ्यता मेसोपोट्मिया की सभ्यता के समकालीन थी |
सिन्धु सभ्यता जननी प्रधान थी |
उत्तर से दक्षिण दिशा में शव दफनायें जाते है |
हवनकुंड के अस्तित्व का साक्ष मिलता है |
सर्वप्रथम कपास उगने वाले सैन्धव निवासी थे |
चांदी का सर्वप्रथम प्रयोग सिन्धु वासियों ने किया |
सिन्धुवासी लोहे से अपरिचित थे |
सड़के प्राय एक-दुसरे को समकोण पर काटती थी |
400 वर्णों वाली सैन्धव लिपि चित्र प्रधान है |
हंटर के अनुसार सैन्धव लिपि भाव चित्रात्मक है |
लिपि की लिखावट दाहिने से बाएं ओर होती थी |
विषम स्नानागार एवं अन्नागार के अवशेष मोहन्जोदारो में मिले |
सिन्धु सभ्यता से प्राप्त हांथी एवं घोडा के साक्ष प्रमाणिक है |
सिन्धु सभ्यता में लोग पशुओं की भी पूजा करते थे, उमने प्रमुख कूबड़ वाला सांड था |
सिन्धु घाटी के लोग मातृदेवी की उपासना करते थे |
चावल कि कृषि का साक्ष्य लोथल (गुजरात) से मिलता है |
सिन्धु सभ्यता की मुख्य उपज जौ तथा धान थी |
सिन्धु सभ्यता में योग का प्रचलन था |
सिन्धु सभ्यता के निवासी यातायात के लिए बैलगाड़ियों का प्रयोग करते है |
सिंधु सभ्यता के मुख्य हथियार कुल्हाड़ी, गदा, कटार, भाला, धार वाली तलवार व धनुष बाण थे |
यहाँ के निवासियों का मुख्य भोजन गेंहू, जौ, दूध, फल और मछली का मांस था |
सिन्धु सभ्यता में वृक्ष पूजा भी प्रचलित थी, पीपल को पवित्र पेड़ माना जाता है |
यहाँ के निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि, पशुपालन और व्यापार था |
Thanks for information.
ReplyDeleteThank you sooooo much 🎊☺
ReplyDeleteThank you information dene ke liye 🙏
ReplyDeleteIs right but sindhu wasi logo ki ek or important topic ha ki wo log santi priy log the or is sabyta ka patan seven part me huaa ha or yeh sath wahk kal ke rup me bhi jani jati ha
ReplyDeleteRight sir
DeleteSindhu Sabhyata Gk In Hindi
बहुत बहुत धन्यवाद भैया
ReplyDeleteSo very very thanku bhai
ReplyDeleteThank you for this
ReplyDelete😉😉😉
ReplyDelete👍👍
ReplyDeleteJay ho
ReplyDelete🤏🤏🤏
ReplyDeletehttps://mspoliticals.blogspot.com/2020/01/blog-post_7.html
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteThnk u sir
ReplyDeleteसिंधु घाटी की सभ्यता गोरवशाली रहा हैं.
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ReplyDeletewhat is the ilength and width of harrappa civilization???
Thank you sir 🙏
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