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e-Commerce (ई-वाणिज्य) तथा पारम्परिक वाणिज्य क्या है एवं क्या है डब्ल्यूसीओ ?


ई वाणिज्य (e - commerce)


ई-वाणिज्य या इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य आधुनिक व्यापार की एक पद्धति है जो व्यापार संगठनों विक्रेताओं और ग्राहकों की जरूरत को कम लगात तथा माल और सेवाओ की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए वितरण की गति तीव्र करता है                                                                                                        
ई-वाणिज्य इन्टरनेट के माध्यम से व्यापार के संचालन में न केवल क्रय और विक्रय की प्रकिया है बल्कि ग्राहकों के लिए सेवाओ और व्यापार के भागीदारो के साथ सहयोग भी शामिल है अगस्त २०१७ में भारत यात्रा पर आये विश्व सीमा शुल्क संगठन के महासचिव कुनियो मिरुकिया ने बताया की डब्लूसी ओ सीघ्रही ई कॉमर्स पर दिशा निर्देश लायगा.

क्या है डब्ल्यूसीओ ?

इस संगठन की स्थापना वर्ष 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद् के रूप में की गई थी यह एक अंतर्सरकारी संगठन है डब्ल्यूसीओ का मूल उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में सीमा शुल्क प्रशासनो की प्रभावशीलता एवं कार्यक्षमता में वृध्दि लाना है सीमा शुल्क संगठन प्रतिनिधित्त्व 177 सदस्य देश है वर्ष 1994 में इसका नाम बदलकर विश्व सीमा शुल्क संगठन रख दिया गया.

विश्व सीमा शुल्क संगठन ई-कॉमर्स में बाधक चुनौतियों अवरूध्द करता है तथा विकासशीलं देशो को ई-कॉमर्स के लिए वातावरण प्रदान करता है.

पारम्परिक वाणिज्य बनाम ई-वाणिज्य

जब वस्तुओ को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजकर विक्रय किया जाता है, तब उस सम्बन्ध के सभी कार्य पारम्परिक वाणिज्य के अन्दर समझे जाते है.

दुसरे शब्दों में, पारम्परिक वाणिज्य एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामनो का स्वामित्व अंतरण है. स्वामित्व का अंतरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है.

पारम्परिक वाणिज्य

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक जानकारी के आदान-प्रदान पर भारी निर्भरता.

संचार/लेन-देन तुल्यकालिक तरीके से किया जाता है. मैनुअल हस्तक्षेप प्रत्येक संचार या लेन-देन के लिए आवश्यक है.

यह स्थापित करने और पारम्परिक वाणिज्य मानक प्रथाओ को बनाए रखने के लिए मुश्किल है. व्यापार के संचार व्यक्तिगत कौशल पर निर्भर करता है.

पारम्परिक वाणिज्य के रूप में एक समान मंच की अनुपल्बधता निजी संचार पर काफी निर्भर करता है.

साझा करने के रूप में यह व्यक्तिगत संचार पर काफी निर्भर करता है जानकारी के लिए कोई सामान मंच नही होता

ई-वाणिज्य 

जानकारी साझा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक संचार, व्यक्ति जानकारी का आदान प्रदान करने के लिए व्यक्ति पर कम निर्भरता जिसने वाणिज्य को आसन बना दिया.

संचार या लेन देन अतुल्यकालिक तरीके से किया जा सकता है व्यक्ति के लिए संचार या लेन-देन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के स्वचालित रूप द्वारा किया जाता है

एक समान रणनिति आसानी से स्थापित की जा सकती है. ई-वाणिज्य या इलेक्ट्रॉनिक बाजार में कोई मानवीय हस्तक्षेप नही है

ई-वाणिज्य (E-Commerce) दुनिया भर में वाणिज्यिक/व्यावसायिक का समर्थन करने के लिए एक सार्वभौमिक मंच प्रदान करता है.

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2 comments:

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